कलौंजी और शहद के फायदे क़ुरआन व हदीस की रौशनी में
कलौंजी और शहद के फायदे क़ुरआन व हदीस की रौशनी में कलौंजी और शहद के फायदे मधुमक्खी को अरबी में नहल कहते हैं जिसके नाम से क़ुरआन में पूरी एक सूरेह मौजूद है इसी बात से अंदाज़ह लगाया जा सकता है कि इन्सानी ज़िन्दगी में शहद कि क्या अहमियत होगी “अल्लाह” रब्बुल इज़्ज़त क़ुरआन मुक़द्दस में इरशाद फरमाता है कि “और तुम्हारे रब ने शहद कि मधुमक्खी को इल्हाम किया कि पहाड़ों में घर बना” और दरख्तों में और चट्टानों में फिर हर क़िस्म के फल में से खा और अपने रब कि रहे चल कि तेरे लिए नरम और आसान हैं उसके पेट से पिने कि एक चीज़े रंग बिरंगी निकलती है जिसमे लोगों के लिए शिफा है बेशक उसमें निशानी है धियान करने वालों के लिए हवाला ( पारह 14 सूरेह नहल आयत 68-69 ) जन्नती शहद के बारे में इरशाद फरमाता है कि और ऐसी शहद कि नहरें हैं जो साफ़ किया गया हवाला( पारह 26 सूरेह मुहम्मद आयत 15 ) एक मर्तबा किसी सहाबी के भाई को दस्त आने शुरुआ हो गए इस पर आपने फ़रमाया कि उसे शहद पिलाओ उन्हों ने पिलाया मगर फायदा न हुआ फिर दूसरे रोज़ पूछा फिर आपने कहा कि शहद पिलाओ फिर तीसरे दिन भी उन्हों ने वही सवाल किया आपने फ़र...
